बेटियों की खूबियां
ये बेटियां भी न जाने,
कितनी अजीब होती हैं ।
जब हों ससुराल तब,
मां के लिए तरसती हैं ।
सोचती हैं कि घर जाकर,
माँ को ये बताऊँगी
बहिन से ये कहूँगी,
प्यारे पापा से ये मांगूंगी ।
भाई को सबक सिखाऊंगी,
और बहिन संग मस्ती भी करुँगी।
जब सच में मायके जाती हैं,
तब वो शांत हो जाती हैं ।
जुबां नहीं चलती तब उनकी,
माँ बाप भाई बहन से मिल वो रो जाती हैं ।
दिल से बहुत खुश होती हैं,
और सब कुछ भूल जाती हैं ।
कुछ पल के लिए पति,देवर,
ननद,सास,ससुर ससुराल।
क्योंकि एक अनोखा प्यार,
होता है मायके में
एक अजीब सी कशिश,
होती है मायके में।
ससुराल में कितना भी प्यार मिले
माँ बाप की एक मुस्कान को
तरसती है ये बेटियां।
ससुराल में कितना भी रोएँ
मायके में एक भी आंसूं
नहीं बहाती हैं ये बेटियां ।
क्योंकि बेटियों का सिर्फ,
एक ही आंसू माँ बाप भाई बहन,
को दिल से रुला देता है ।
कितनी अजीब हैं ये बेटियां
कितनी नटखट हैं ये बेटियां
ख़ुदा की अनमोल देंन हैं ये बेटियां
बेटियों को दिल से प्यार दें
दो रिश्तों को एक बनाती हैं ये बेटियां ।
अपने प्यार और मुस्कान भरी हंसी से,
घर को जगमगाती हैं ये बेटियां ।
सभी बेटियां सुखी, समृद्ध,खुशहाल रहें,
“आघात” पापा की ये परी,
ससुराल में जिम्मेदार बन जाती हैं ये बेटियां ।