बेटिया
माँ की गोद मे है किलकत है ,प्यारी प्यारी बेटियाँ,
छम छम खेलत नाचत जावे,नन्ही प्यारी बेटियाँ,
हँसती जाती संग हँसाती, प्यारी प्यारी बेटियाँ,
पढ़ केे जग मे नाम कमावे,बहन बहु माँ बेटियाँ
सोचो मत तुम देखो भैया, जग मै कहाँ वो बेटियाँ,
सीता राधा लक्ष्मी अहिल्या,वो भी तो थी बेटियाँ
बहन भतीजी भाँजी दादी, माँ होती है बेटियाँ
सच्चा साथी गुरू भी होती,पत्नि होती बेटियाँ
दुनिया मे आने से डरती ,अब क्यो प्यारी बेटियाँ,
कोख मे आने से ही पहले,अब क्यो मरती बेटियाँ
घर मे रहने से भी डरती,घुट के मरती बेटियाँ,
रास्ता से निकले न अकेली बहन बहु माँ बेटियाँ
दुनिया कैसे सुधरे भैया, कैसे सुधरे बेटियाँ,
भ्रूण हत्या जो करवाती ,वो भी तो है बेटियाँ
दहेज के कारण भी मरती है प्यारी प्यारी बेटियाँ
दहेज को लेने सुनलो तुमरे भी है बेटियाँ
कृष्णा रोता फिर हँसाता है जग की है ये रीतिया
अब तो सुधर जाओ भैयाजी ,मत मरवाओ बेटियाँ
कृष्णकांत गुुर्जर
धनोरा,तह.गाडरवारा(म.प्र.)