Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2023 · 1 min read

बेटियां

बेटियां
बुढ़ापे का सहारा अगर बेटा है तो मां बाप का सम्मान है बेटियां।
बेटा भले पराया कर दे लेकिन मां बाप का ध्यान रखती हैं बेटियां।
आजकल की बेटियां भी बेटों से नहीं होती किसी मामले में कम।
जीवन में आने वाली हर मुश्किल से टकराने का रखती हैं वो दम।
गया वह जमाना जब इन्हें कमजोर अबला नारी कहा जाता था।
घर परिवार और जिम्मेदारी के बोझ तले इनके हुनर को दबाया जाता था।
चाहे अंतरिक्ष में चांद का सफर हो या युद्धभूमि में दुश्मनों से भिड़ जाने।
हर क्षेत्र में हर परिस्थिति में आज की बेटियां चली है अपना परचम लहराने।
डॉक्टर साइंटिस्ट और शिक्षक बनकर वो ज्ञान विज्ञान फैलाती हैं।
दुनिया के हर एक दंगल में वो अपना दमखम दिखलाती हैं।
आज की बेटियां नहीं किसी से किसी भी मामले में कमतर।
देश विकास करने चली हैं ये सबके कदमों से कदम मिलाकर।
वह दिन भी अब दूर नहीं जब बेटियां घर की शान कहलाएंगी।
पूरी दुनिया में वो अपने मां बाप और देश का झंडा फहराएंगी।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर”दयालु”, रायपुर छत्तीसगढ़

1 Like · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
" इंतकाम "
Dr. Kishan tandon kranti
चलो ऐसा भी करते हैं
चलो ऐसा भी करते हैं
Suryakant Dwivedi
*आत्महत्या*
*आत्महत्या*
आकांक्षा राय
तुम्हें आसमान मुबारक
तुम्हें आसमान मुबारक
Shekhar Chandra Mitra
रिश्तों को आते नहीं,
रिश्तों को आते नहीं,
sushil sarna
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
सब दिन होते नहीं समान
सब दिन होते नहीं समान
जगदीश लववंशी
रंगों का त्योहार है होली।
रंगों का त्योहार है होली।
Satish Srijan
संवेदना(कलम की दुनिया)
संवेदना(कलम की दुनिया)
Dr. Vaishali Verma
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
वो अपने बंधन खुद तय करता है
वो अपने बंधन खुद तय करता है
©️ दामिनी नारायण सिंह
जीवन की बगिया में
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
ये सर्द रात
ये सर्द रात
Surinder blackpen
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
Ravi Prakash
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
आ लौट के आजा टंट्या भील
आ लौट के आजा टंट्या भील
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
पूर्वार्थ
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
Ajit Kumar "Karn"
मसला सिर्फ जुबान का हैं,
मसला सिर्फ जुबान का हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
..
..
*प्रणय*
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
4489.*पूर्णिका*
4489.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
Shweta Soni
तंत्र सब कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
Loading...