बेटियां
बेटियां बोझ नहीं बल्कि
वह हरदिल का अरमान और अभिमान है
बेटियां ममता का परिणाम है
बेटियां इस जहां का निर्माण है
फिर क्यों इस जहां में हो रहा बेटी का अपमान है
पहले उसे पढ़ा-लिखा कर शिक्षित करना है
फिर उसकोअपने पैरों पर खड़ा करना है आत्मनिर्भर बनाना है
बेटी को गलत के खिलाफ अब आवाज उठाना है
अब बेटियों को इस जहां को यह बताना है
बेटियां बोझ नहींअपने घर का वह जलता हुआ वह दीपक है
जोअपने घर कोरोशनीसे जगमगाती है
बेटियां अपने घर की अपने देश की शान है अभिमान है
बेटियां बोझ नहीं बल्कि हर दिल का अरमान अभिमान है।
** नीतू गुप्ता