बेटियां
बेटियाँ
मापनी २१२२,२१२२,२१२२,२
सामान्त–अार
पदान्त– के कारण
बेटियों की अस्मत बयचे वार के कारण ।
देश भी बदनाम भ्रष्टाचार के कारण ।
जिन्दगी बिटिया जिये बस अौर की खातिर ।
तब मिले थपकी उसे आचार के कारण ।(१)
अब भरोसा तो बहुत. है बेटियों पर भी।
हो रही लाचार व्यभिचार के कारण ।(२)
दे तिलांजलि बढ रही अब बेटियाँ सारी ।
अर्थ भारी हो गया बाजार के कारण ।(३)
खुल गयी राहे सभी नवचेतना पाकर।
तब हृदय से मिट गयी उदगार के कारण ।(४)
लड रही जो वक्त आगे एक दीपक बन।
जीत लेगी जिन्दगी उपकार के कारण (५)
मर मिटे बेटी हितो मे नागरिक कोई।
मार मे भी जीत है सुविचार के कारण ।(६)
क्या करे मुश्किल मे है बेटियाँ बेचारी ।
हर कदम पर ही बिछे अंगार के कारण ।(७)
डा० रेखा जैन
शिकोहाबाद