बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
नित्य भरती उसी हेतु परवाज हैं।
लक्ष्य हासिल सभी खूब हैं कर रही।
गूंजती हर जगह आज आवाज है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ३१/१०/२०२३
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
नित्य भरती उसी हेतु परवाज हैं।
लक्ष्य हासिल सभी खूब हैं कर रही।
गूंजती हर जगह आज आवाज है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ३१/१०/२०२३