बेटियां जल्दी बड़ी हो जाती है
नहीं जन्मती यह सब के यहां ,
पुण्य कर्म से घर आती हैं।
अपनी बंद मुट्ठी में पूरे घर की किस्मत लाती हैं ।
अमरत्व नेह से बरसाती हैं।
सबको साथ पिरो कर लड़ी बन जाती हैं ।
सच में बेटियां बड़ी जल्दी बड़ी हो जाती हैं ।।
गूथती थी जिसकी चोटियां कल तक,
आज वह मेरे बाल सुलझाती है ।
सच में बेटियां बड़ी जल्दी बड़ी हो जाती हैं।।
कदम संभालना ही सीखा था ,
कि घर संभालना सीख जाती हैं ।
मां के आंचल में जो छुपती थी,
ममता का सागर बन जाती हैं ।
सच में बेटियां बड़ी जल्दी बड़ी हो जाती है।।
अपने आंसू वह सबसे छिपाना जान जाती हैं,
सुख दुख में मां-बाप संग खड़ी हो जाती हैं,
अधिकार जमाती है जो हर बात पर,
फेरे होते ही वो पराई हो जाती हैं,
सच में बेटियां बड़ी जल्दी बड़ी हो जाती हैं।।