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5 May 2018 · 1 min read

बेटियाँ

बेटियाँ सबसे हैं प्यारी बेटियाँ। ।

माँ बाप की और दादा दादी की।
घर में सबकी हैं दुलारी बेटियाँ। ।

पैसे प्यार में बेटे बिगड़े हुए।
मगर हैं सबसे आज्ञाकारी बेटियाँ। ।

फूल बेटियाँ और ख़ुशबू बेटियाँ।
खुशियों की किलकारी बेटियाँ। ।

पोषित पंख मिलें परवरिश के इन्हें।
तो भरती हैं उड़ान न्यारी बेटियाँ। ।

अपनी भूमिका अपना धर्म हर ओर।
निभा रहीं हर जिम्मेदारी बेटियाँ। ।

प्रतिभा और ज्ञान की मूर्ति होती।
समाज में बहुत संस्कारी बेटियाँ। ।

ईश्वर का अनमोल उपहार होती।
स्वर्ग से परी गयी उतारी बेटियाँ। ।

धरा से लेकर आसमान तक आज।
छायी हैं देखो हमारी बेटियाँ। ।

बदल गया समय पर सोच कैसी है।
क्यों कोख में जाती मारी बेटियाँ। ।

———–विनोद शर्मा “सागर “

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