बेटियाँ
बेटियाँ सबसे हैं प्यारी बेटियाँ। ।
माँ बाप की और दादा दादी की।
घर में सबकी हैं दुलारी बेटियाँ। ।
पैसे प्यार में बेटे बिगड़े हुए।
मगर हैं सबसे आज्ञाकारी बेटियाँ। ।
फूल बेटियाँ और ख़ुशबू बेटियाँ।
खुशियों की किलकारी बेटियाँ। ।
पोषित पंख मिलें परवरिश के इन्हें।
तो भरती हैं उड़ान न्यारी बेटियाँ। ।
अपनी भूमिका अपना धर्म हर ओर।
निभा रहीं हर जिम्मेदारी बेटियाँ। ।
प्रतिभा और ज्ञान की मूर्ति होती।
समाज में बहुत संस्कारी बेटियाँ। ।
ईश्वर का अनमोल उपहार होती।
स्वर्ग से परी गयी उतारी बेटियाँ। ।
धरा से लेकर आसमान तक आज।
छायी हैं देखो हमारी बेटियाँ। ।
बदल गया समय पर सोच कैसी है।
क्यों कोख में जाती मारी बेटियाँ। ।
———–विनोद शर्मा “सागर “