** बेटियाँ **
जिस घर खुशी से खिलखिलाती हैं बेटियाँ ।
ब्रह्मा विष्णु महेश संग बसती तीनों देवियाँ ।।
हर संकट हर लेती ऐसी दैवी शक्ति हैं बेटियाँ ।
देवी सा रूप ही नहीं देवी का अंश हैं बेटियाँ ।।
उस घर बरकत आती जहाँ मुस्कुराती बेटियाँ ।
साक्षात् अन्नपूर्णा का रूप धर लेती हैं बेटियाँ ।।
वो घर मन्दिर बन जाता जहाँ खुश रहती बेटियाँ ।
हर वास्तु दोष दूर हो जाता जब हँसती हैं बेटियाँ ।।
जड़ से उखड़कर भी बस जाती हैं बेटियाँ ।।
खुद दर्द सहकर भी सबको हँसाती हैं बेटियाँ ।।
बिन खाद पानी के लहलहाए वो पौधा हैं बेटियाँ ।
थोड़ी सी सम्भाल में खिल जाए वो फूल हैं बेटियाँ ।
माँ बहन बहु हर रूप में ढल जाती हैं बेटियाँ ।
ईश्वर का दिया अनमोल तोहफा हैं बेटियाँ ।।