बेटियाँ
चंदन रोली कुमकुम की थाल है बेटियां
फूलों में जैसे एक सुर्ख गुलाब है बेटियां
बिल्कुल मंदिर की घण्टी की तरह पाक
गीता रामायण और कुरान है बेटियां
बहन बेटी बनकर रहती है इस तरह
जैसे किसी दुआ का वरदान है बेटियां
माँ बाप भाई बहन पति को रखती है
जैसे कि चाहत का पैग़ाम है बेटियां
जिंदगी की राह में छाई धूप पर मानो
पीपल की पड़ती प्यारी छांव है बेटियाँ
चहकती महकती रहती है इस तरह
जैसेकि सावन की पहली फुहार है बेटियाँ
हर ओर होती आज प्रतिस्पर्धा में कहूँ
तो सिंधु और साक्षी सी कमाल है बेटियां
आपने हक के लिये लड़ भी सकती है
क्योंकि लक्ष्मीबाई सी महान है बेटियाँ
शियासत के गलियारों में होंगे कई
मगर इंदिरा गांधी सी मिशाल है बेटियाँ
और स्वामी भक्ती की बात होती हो कही
तो पन्ना धाय सी बेमिशाल है बेटियां
त्याग तपस्या और समर्पण की मूर्ती
सीता और द्रोपदी के समान है बेटियाँ
ऋषभ इन्हें हीन नजरो से न देखो कोई
सुषमा और प्रतिभा की आवाज है बेटियाँ
धरती बासियों इस धरती पर ही नहीं
आसमाँ में कल्पना की हुंकार है बेटियां
ऋषभ तोमर राधे