Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ

★बेटियाँ★
——————-
चम्पाहार श्रृंगार बेटियाँ
खुशबू का संसार बेटिया
घर की शोभा दुबरी करती
फिर भी मुख से कुछ न कहती
मूक रहे हर लेती पीड़ा
कब माँगे अधिकार बेटियाँ
थके हुये जीवन को देती
एक नया श्रृंगार बेटियाँ
मीरा झाँसी मदर टरेसा
बनकर आई थी ये बेटिया
आधी तूफान है बेटे तो
शीतल मंद बयार बेटियाँ।
शील समर्पण औ’ साहस का,
हैं सुन्दर श्रृंगार बेटियाँ।
पिता के सपनों को सच करतीं,
उनकी हैं मनुहार बेटियाँ।
ममता से तन मन पुलकित कर,
देती अतीव उपहार बेटियाँ।
पति के जीवन में अाकर के,
रचती इक संसार बेटियाँ।
और आन कि बात जो होती,
तेज धार तलवार बेटियाँ।
———
— प्रियंका झा ‘प्रवोधिनी’
———

Language: Hindi
2 Likes · 222 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोदी एक महानायक
मोदी एक महानायक
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
महाराष्ट्र की राजनीति
महाराष्ट्र की राजनीति
Anand Kumar
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गुरु
गुरु
Rashmi Sanjay
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
2439.पूर्णिका
2439.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बेपर्दा लोगों में भी पर्दा होता है बिल्कुल वैसे ही, जैसे हया
बेपर्दा लोगों में भी पर्दा होता है बिल्कुल वैसे ही, जैसे हया
Sanjay ' शून्य'
निदा फाज़ली का एक शेर है
निदा फाज़ली का एक शेर है
Sonu sugandh
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
कवि दीपक बवेजा
"ऐ मेरे दोस्त"
Dr. Kishan tandon kranti
★दाने बाली में ★
★दाने बाली में ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*आशाओं के दीप*
*आशाओं के दीप*
Harminder Kaur
***
*** " मन मेरा क्यों उदास है....? " ***
VEDANTA PATEL
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
उसकी ख़ामोश आहें
उसकी ख़ामोश आहें
Dr fauzia Naseem shad
पुश्तैनी मकान.....
पुश्तैनी मकान.....
Awadhesh Kumar Singh
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
Shweta Soni
अपनेपन की रोशनी
अपनेपन की रोशनी
पूर्वार्थ
धरा स्वर्ण होइ जाय
धरा स्वर्ण होइ जाय
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दुनिया जमाने में
दुनिया जमाने में
manjula chauhan
अपना ख्याल रखियें
अपना ख्याल रखियें
Dr Shweta sood
सोशलमीडिया
सोशलमीडिया
लक्ष्मी सिंह
*उड़न-खटोले की तरह, चला चंद्रमा-यान (कुंडलिया)*
*उड़न-खटोले की तरह, चला चंद्रमा-यान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
शेखर सिंह
काश अभी बच्चा होता
काश अभी बच्चा होता
साहिल
#क्षमा_वीरस्य_भूषणम
#क्षमा_वीरस्य_भूषणम
*Author प्रणय प्रभात*
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...