बेटियाँ
बड़े-बड़े काम की हैं बेटियाँ,
ईश्वर के नाम की हैं बेटियाँ,
घर की लक्ष्मी, घर की इज्जत हैं बेटियाँ,
घर को घर बनाने वाली जन्नत हैं बेटियाँ,
हर जगह अपना परचम लहराती हैं बेटियाँ,
टीना, सिंधु, साइना नामों से जानी जाती हैं बेटियाँ,
ईंसानों के रूप में भगवान हैं बेटियाँ,
लेकिन घर, समाज में परेशान हैं बेटियाँ,
सासु माँ, माँ, बहू-बेटी का रूप हैं बेटियाँ,
जीता जागता ईश्वर का स्वरूप हैं बेटियाँ,
सच में बड़े-बड़े काम की हैं बेटियाँ,
पीटी ऊषा और मेरीकाम हैं बेटियाँ,
लोभियों के लिए लोभ हैं बेटियाँ,
कोई समझता है बोझ हैं बेटियाँ ,
हैवानों के लिए तो सिर्फ हवस हैं बेटियाँ ,
आज भी भ्रूण में मरने को विवश हैं बेटियां,
ये बात किसी ने आज भी नहीं भूल पायी है,
वीरांगना की वीरता से ही हमने आजादी पायी है,
सच में बड़े-बड़े काम की हैं बेटियाँ,
शब्दों में न बंध पाये वो नाम हैं बेटियाँ,