बेटियाँ
“बेटियां”
“बेटा हो या बेटी है दोनों खुशियों की पेटी,
“वारिस के नाम पे तुमने कैसे माँ की कोख बाटीं,
ये मत भूलो करवाके कन्यादान तुम ही एक दिन,
मांग के अपने घर लाये थे किसी के घर की बेटी।”
#रजनी
“बेटियां”
“बेटा हो या बेटी है दोनों खुशियों की पेटी,
“वारिस के नाम पे तुमने कैसे माँ की कोख बाटीं,
ये मत भूलो करवाके कन्यादान तुम ही एक दिन,
मांग के अपने घर लाये थे किसी के घर की बेटी।”
#रजनी