बेटियाँ हैं पराई दोहराया गया
कितने नाजों से बेटी को पाला गया,
प्रेम से सींचा और संभाला गया।
लो आ गयी निष्ठुर विदाई की घडी,
गले मिलके कितना रुलाया गया।
आँख भर आयी मेरी तो ये देखकर,
अपने घर में ही पराया बनाया गया।
डरते -डरते कदम रखे थे ससुराल में,
तू पराये घर से आयी वहां ये सुनाया गया।
छोटी सी गलती भी यहाँ अपराध है,
हर बात पर कितना सताया गया।
आँख झिलमिलाई पीहर में माँ देखकर,
बेटियाँ हैं परायी दोहराया गया।