बेटियाँ भगवान का वरदान होती हैं
बेटियाँ भगवान का ,वरदान होती हैं
बेटियाँ अपने पापा की ,जान होती है
बाबुल का ये घर महकाऐं, रोज़ नई खुशियां बरषाऐं
आज बेटियां हैं सबसे आगे, इनमें छुपी अगनित प्रतिभायें
सच कहूँ तो बेटियाँ,अरमान होती हैं
बेटियाँ अपने पापा की, जान होती हैं
रोज़ सुबह जब दफ़्तर जायें, इनके चेहरे मुरझाजायें
शाम को जब घर वापस आयें, हमें देखते ही हरषाये’
देर अगर हो जाये, तो परेसान होती हैं
बेटियाँ अपने पापा की जान होती हैं
जिस घर में ये ब्याही जायें, कुछ ही दिनों में घुलमिल जायें
नैहर की रश्मों को छोड़कर, सासरे माहोल में ढल जायें
एक नहीं दो दो कुल का अभिमान होती हैं
बेटियाँ अपने पापा की जान होती हैं
“योगी”पैसा पास नहीं है ,फिरभी दिल ये उदास नही है
तीन बेटियाँ हैं परियों जैसी, बेटे की मुझे आस नही है
देखके दुनिया मुझको, हैरान होती है
बेटियाँ अपने पापा की,जान होती है