Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2020 · 1 min read

बेजुबान की आवाज

बिन मांगे खुदा ने रंगीन तोहफों से सजाया है हमें,
पर उसके दिए हर तोहफे का मज़ाक बनाया है हमनें,
उन्हीं तोहफों में से इक नायाब तोहफा उसने हमें दे दिया
मासूम बेजुबान को संजीदगी के साथ इसने अजीज हमारा बना दिया,
कुछ लोगों की जिंदगी में अपनों से ज्यादा अहमियत इनकी हो गई,
तो कुछ लोगों के लिए इनकी जिन्दगी आवारगी की फेहरिस्त में शामिल हो गई,
क्या कुसूर इन बेजुबान का जो दर्द इतना पाते हैं,
क्या बाढ़ क्या सुनामी हर तकलीफ में पहले सजा यही पाते हैं,
कभी तरसे नहीं हम ऐसे जैसे यह हर पल तरसते हैं,
जिए नहीं कभी उस साए में जिस डर के साए में वो दिन रात रहते हैं,
अगर वाकई फिक्र है तुम्हे उन बेजुबानों की बेहद,
तो फिर पल भर की खुशी के लिए क्यूं उन्हें सताते हो,
जिससे मिलती जग को खुशी वो खुद भी खुशी पाने का हकदार है,
मत तड़पाओ उन बेजुबान को क्यूंकि उसका बदला लेने के लिए तुमसे खुदा हो रहा तैयार है

Language: Hindi
1 Like · 501 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
बचपन लोटा दो
बचपन लोटा दो
पूर्वार्थ
दास्तान-ए-दर्द!
दास्तान-ए-दर्द!
Pradeep Shoree
आदमी की जिंदगी
आदमी की जिंदगी
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
3662.💐 *पूर्णिका* 💐
3662.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
Sunil Suman
राज़ बता कर जाते
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
*माँ*
*माँ*
Naushaba Suriya
#स्याह-सफेद#
#स्याह-सफेद#
Madhavi Srivastava
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
डी. के. निवातिया
रंगीन हुए जा रहे हैं
रंगीन हुए जा रहे हैं
हिमांशु Kulshrestha
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
क्या कहूं उस नियति को
क्या कहूं उस नियति को
Sonam Puneet Dubey
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
Shashi kala vyas
प्रदूषण रुपी खर-दूषण
प्रदूषण रुपी खर-दूषण
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मेरे खामोश होते ही
मेरे खामोश होते ही
Madhuri mahakash
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
तेरी मेरी ज़िंदगी की कहानी बड़ी पुरानी है,
तेरी मेरी ज़िंदगी की कहानी बड़ी पुरानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#राजनैतिक_आस्था_ने_आज_रघुवर_को_छला_है।
#राजनैतिक_आस्था_ने_आज_रघुवर_को_छला_है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आदमी
आदमी
MUSKAAN YADAV
प्यार कर रहा हूँ मैं - ग़ज़ल
प्यार कर रहा हूँ मैं - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
आपके स्वभाव की सहजता
आपके स्वभाव की सहजता
Dr fauzia Naseem shad
लेखनी के शब्द मेरे बनोगी न
लेखनी के शब्द मेरे बनोगी न
Anant Yadav
खा ले तितली एक निवाला
खा ले तितली एक निवाला
उमा झा
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...