बेजुबानों की कुर्बानी पाप है
ना तुम अल्लाह की सुनते हो ,
ना ही ईश्वर की कही मानते हो ,
जो जी में आता है भला या बुरा ,
अपनी पूरी मनमानी करते हो ।
किसी ने भी कहीं नहीं फरमाया ,
की एक मासूम बेजुबान की बलि चढ़ाओ,
फिर तुम बेवजह इनका कत्ल क्यों करते हो ?
तुम्हारे इस दुष्कर्म से न खुदा खुश होगा ,ना ईश्वर ,
तुम तो महज अपने लिए पाप ही कमाते हो ।