बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
कभी मेरे आंखों में पढ़ लेना,
जो इज़हार हम कर नही पाते,
उसे मेरे लफ़्ज़ों में समझ लेना
बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
कभी मेरे आंखों में पढ़ लेना,
जो इज़हार हम कर नही पाते,
उसे मेरे लफ़्ज़ों में समझ लेना