बेजान शायरी
तूने कबूल
की होती
जो आशिक़ी मेरी
कुछ और ही
हुई होती
यह ज़िंदगी मेरी…
तूने मेरे
शेरों को
पढ़ा ही नहीं वर्ना
बेजान ना
रही होती
यह शायरी मेरी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
तूने कबूल
की होती
जो आशिक़ी मेरी
कुछ और ही
हुई होती
यह ज़िंदगी मेरी…
तूने मेरे
शेरों को
पढ़ा ही नहीं वर्ना
बेजान ना
रही होती
यह शायरी मेरी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)