बेख्याली में ख्याल
*** बेख़्याली में ख्याल ***
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जब भी तेरा ख्याल आए
मन में महक सी खिल जाए
ख़्याली बन घूमता फिरूँ
बयार में मन संभाल आए
भौंरा बन मंडराता रहूँ
प्रेम का रंग विकराल आए
सोच में सदा मैं सोचता रहूँ
विचार ख़ामख़्याल आए
आँखें बंद करूँ ,तो सामने
ख्वाबों में हमख्याल आए
ख़ामख़्याली में कुछ ना हो
पर मन में नेकख़्याल आए
ख्यालों में ख्याल रखता हूँ
बातें क्यों बेख्याल आए
मनसीरत बेखुदी में बेख़ुद
बेख्याली में भी ख्याल आए
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)