बेकार!
आज कल यह शब्द बहुत प्रचलन में आता है।कि अमुक वस्तु बेकार हो चुकी है। उसे फेंक दिया जाता है, लेकिन आज कोई भी चीज बेकार नहीं होती है।वह कोई न कोई काम जरूर आती है।इस शब्द को डिक्शनरी से हटा देना चाहिए। क्योंकि , कोई भी चीज या शब्द बेकार होता नही है।हम केवल बोल देते हैं।कि हमारे काम का नही बचा है।इसे कचरे के डिब्बे में फेंक दो।यह हमारी सोच में है, लेकिन उसकी वास्तविकता कुछ और होती है।बस हमें उसका उपयोग करना आना चाहिए।आज हर वस्तु का उपयोग होने लगा है।बल्कि उसकी कीमत बढ़ जाती है।उस वस्तु का नया निर्माण कर लिया जाता है।इस दिशा में विज्ञान ने बहुत प्रगति कर ली है।कि अब कोई भी चीज बेकार नहीं जाएगी।उसका हमने कुछ न कुछ उपयोग तलाश लिया है।यह शब्द केवल ईर्ष्या बन कर रह जायेगा। क्योंकि हमारी हिन्दी भाषा में यह शब्द केवल उनके प्रयोग में आयेगा, जी भाषा पर शोध कार्य कर रहे होंगे।