बेईमान बहोत हैं
इंसानियत गिर चुकी है बहोत,
आप में थोड़ी भी ईमान बहोत है
चलना था दूर पर चल ना सके,
साथ हमारे सामान बहोत है
आपको पाने में खो दिए हम खुद को,
मिला कुछ नहीं,
साहब आप बेईमान बहोत हैं
~विनीत सिंह
इंसानियत गिर चुकी है बहोत,
आप में थोड़ी भी ईमान बहोत है
चलना था दूर पर चल ना सके,
साथ हमारे सामान बहोत है
आपको पाने में खो दिए हम खुद को,
मिला कुछ नहीं,
साहब आप बेईमान बहोत हैं
~विनीत सिंह