बूढ़ा मजूर
गलता तन
पेट पीठ समान
जर्जर मन ,
श्रमसीकर
हड्डियों का शरीर
लाचारी ढ़ोता ,
हाथ खींचता
आत्मिक बोझ – भार
अमानवीय ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 03/04/2021 )
गलता तन
पेट पीठ समान
जर्जर मन ,
श्रमसीकर
हड्डियों का शरीर
लाचारी ढ़ोता ,
हाथ खींचता
आत्मिक बोझ – भार
अमानवीय ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 03/04/2021 )