बूढ़क दर्द
बड़ जरुरी बूढ़ के
अपना संग में पाई रहब
नहि लगई नीक कनिको
ज बुढ़ाड़ी हाथ बन्हल…
बड अभिलाषा बूढ़ के
अपने हाथे खर्च करब
छोट-मोट खगता ख़ातिर
किए पत्नी स बात सुनब…
इयैह सोचि जोड़ैत रहियै
बचा-खुचा किछु पाई, मगर
वाहन आबि गणेशक
सब सपना के कुतैर देलक…
छ’टा पांच सौ टकिया के
कुट्टी-कुट्टी काटि देलक
कोन जन्मक पाप छल, जे
बदला एहि जन्म आबि लेलक…
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