बूढी आँखों की समझ, आती है तब पीर
बूढी आँखों की समझ, आती है तब पीर
बहता अपनी आँख से , जब वैसा ही नीर
जब वैसा ही नीर, रहे जब पास जवानी
लगती इनकी बात, हमें ही सदा पुरानी
जब होती कमजोर, डोर अपनी साँसों की
आती तब तकलीफ , समझ बूढ़ी आँखों की
डॉ अर्चना गुप्ता