Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2021 · 1 min read

बूढ़ा बड़गद का पेड़ बोला

मेरी ही टहनियों को काटकर
छाँव की तलाश में भटक रहे लोग
कराहते हुए कहीं यहीं पर जैसे
बूढा बरगद का पेड़ बोला

कुछ याद है “किशन” की सभ भूल गए?
अपने दादाजी की अंगुलियाँ थामे
मुझसे मिलने तुम भी आते
वो मुझसे और तुम चिड़ियों से बतियाते

मेरी डाल पे बैठे
वो चिड़ियों की टोली
हम सभी अरोसी-पड़ोसी बन जाते
बतियाते और कितनी खुशियां बाँटते

तुम सभी ने काट दी मेरी टहनियाँ
अब उन चिड़ियों के घर भी उजाड़ दिए
दर्द से कराह रहा मैं कब से
पर कोई नहीं सुनता

अब कोई भी ईधर को नहीं आता
न ही कोई पेड़ लगाता
कराहते हुए यहीं पर जैसे
बूढा बरगद का पेड़ बोला

ठंडी हवा, मीठे फल, धूप-छाँव
सब कुछ मैं तुम सबको देता
खुद जहरीला कार्बन पीकर रह लेता
पर शुद्ध ऑक्सीजन सभी को देत

फिर भी अंधाधुंद बृक्षों को काट रहे
प्रकृति की दी हुई चिजें उजाड़ रहे
पर्यावरण सरंक्षण की कौन सोचे?
बूढा बरगद का पेड़ बोला

कवि- किशन कारीगर
(©काॅपिराइट)

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 404 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
ruby kumari
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#गुलमोहरकेफूल
#गुलमोहरकेफूल
कार्तिक नितिन शर्मा
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
Alahda tu bhi nhi mujhse,
Alahda tu bhi nhi mujhse,
Sakshi Tripathi
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
भगतसिंह ने कहा था
भगतसिंह ने कहा था
Shekhar Chandra Mitra
"सियार"
Dr. Kishan tandon kranti
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
Keshav kishor Kumar
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
थाल सजाकर दीप जलाकर रोली तिलक करूँ अभिनंदन ‌।
थाल सजाकर दीप जलाकर रोली तिलक करूँ अभिनंदन ‌।
Neelam Sharma
मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी)
मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी)
AMRESH KUMAR VERMA
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
राम और सलमान खान / मुसाफ़िर बैठा
राम और सलमान खान / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार ।
स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार ।
Arvind trivedi
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
Sanjay ' शून्य'
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
बस तुम
बस तुम
Rashmi Ranjan
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुश्ती दंगल
कुश्ती दंगल
मनोज कर्ण
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
मचले छूने को आकाश
मचले छूने को आकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
कवि दीपक बवेजा
छोटे-मोटे मौक़ों पर
छोटे-मोटे मौक़ों पर
*Author प्रणय प्रभात*
बहू और बेटी
बहू और बेटी
Mukesh Kumar Sonkar
बदलाव
बदलाव
Dr fauzia Naseem shad
Loading...