बूँद देखा नहीं
बूँद देखा नहीं, पनघट की बात करते हैं
जो निरक्षर हैं, लिखावट की बात करते हैं
अदब का जिनको अलिफ़ तक नहीं मालूम ‘असीम’
वो शायरी में गिरावट की बात करते हैं
© शैलेन्द्र ‘असीम’
बूँद देखा नहीं, पनघट की बात करते हैं
जो निरक्षर हैं, लिखावट की बात करते हैं
अदब का जिनको अलिफ़ तक नहीं मालूम ‘असीम’
वो शायरी में गिरावट की बात करते हैं
© शैलेन्द्र ‘असीम’