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27 Feb 2018 · 1 min read

बुलबुला

……………………………..
पानी का बुलबुला है इंसां
सुना है हर रोज,
पानी ही में मिल जायेगा किसी रोज,
बेशक क्षणभंगुर है वो,
पर क्या किसी ने देखा
कि वो संदेश क्या दे रहा है
हमसे क्या ले रहा है
हमे क्या दे रहा है
वह आता है चला जाता है,
हमें मुस्कराने का
एक मौका दे जाता है
पल भर को चुलबुली सी करता है
समभाव का संदेश दे जाता है
दिल पर अपनी छवि छोड़ जाता है
आता है और चला जाता है
वह गया और नया आ जाता है
फिर एक बुलबुला
पानी में खिल जाता है
हमें देने खुशी के दो पल
वह फिर आ जाता है
……………………..
पृथ्वीराज चौहान
जानकीदासवाला
सूरतगढ़,श्री गंगानगर (राज.)
8003031152

Language: Hindi
303 Views
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