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2 Dec 2021 · 1 min read

बुलंद हसरतें….एक युवा की…

वक्त खेलता हैं खेल ऐसा,
आज हैं साथ – साथ,
कल क्या पता होंगे कहाँ ।
जो बोलते हैं वो होता नही,
पल में बाजी पलट जाती हैं,
वो बोलता था आज “बेदाग” हैं,
जायेंगे यहाँ से तो “बेदाग”।।
दिल की धड़कन उसकी कब रुक गए,
जान ना पाया कोई….।।
हसरतें थी जीने की, कुछ हटके करने की,
लेकिन…..
वो दफ़न हो गए, हवा से मिलके कहाँ ऊड गए….!!!

Language: Hindi
400 Views
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