Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2023 · 1 min read

बुरे हालात से जूझने में

बुरे हालात से जूझने में
केवल वही सफल हो सकता है,
जिसका दिमाग़ ठिकाने पर हो।।
बाक़ी का भगवान मालिक।

👍प्रणय प्रभात👍

1 Like · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वन गमन
वन गमन
Shashi Mahajan
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
वो किताब अब भी जिन्दा है।
वो किताब अब भी जिन्दा है।
दुर्गा प्रसाद नाग
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
gurudeenverma198
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
डॉक्टर रागिनी
कब आओगे?
कब आओगे?
Rambali Mishra
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
■ दुर्भाग्य
■ दुर्भाग्य
*प्रणय*
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
SPK Sachin Lodhi
चौपाई छंद - माता रानी
चौपाई छंद - माता रानी
Sudhir srivastava
अंत
अंत
Slok maurya "umang"
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मृगतृष्णा 2
मृगतृष्णा 2
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
फूलों से मुरझाना नहीं
फूलों से मुरझाना नहीं
Chitra Bisht
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
भारत भूमि
भारत भूमि
डिजेन्द्र कुर्रे
Try to find .....
Try to find .....
पूर्वार्थ
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
सेवा का महिमा
सेवा का महिमा
Mukund Patil
* याद कर लें *
* याद कर लें *
surenderpal vaidya
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
Phool gufran
कुण्डलिया दिवस
कुण्डलिया दिवस
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
साथ
साथ
Ragini Kumari
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
सम्भव नहीं ...
सम्भव नहीं ...
SURYA PRAKASH SHARMA
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
4893.*पूर्णिका*
4893.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
Loading...