बुरे काम का बुरा नतीजा ..
और छोडो आतिशबाजियां इतनी , फिजाओं में ज़हर घुल जाये ,
आने वाली हर नस्ल तुम्हारी बेवकूफियों से तबाह हो जाये ,
बेजुबान जानवरों और पंछियों का भी ना करो तुम ख्याल ,
पेड़ -पौधों ,खेत-खलिहान भी हो जाएँ बद -हाल ,
बर्बाद कर रहे हो खुद ही अपने हाथों से अपने गुलिस्तां को ,
तो खुदा और कुदरत से कैसा शिकवा और कैसा उनपर इलज़ाम ,
मत मांगना फिर रहम की भीख भी ,गर धरती पर कयामत आ जाये. ,
अपनर बुरे कर्मों का भुगतना फिर अंजाम .