बुराई
हर युग में बुराई का जड़ से ही विनाश हुआ है,
बुरे कर्म का बुरा तत्क्षण ही परिणाम मिला है।
रावण, कंस, दुर्योधन का भी अहंकार चूर हुआ,
इनके अत्याचारों का भय इस धरा से दूर हुआ।
बुराई से न लाभ तनिक है होती केवल हानि है,
यश सारा मिट जाता जग में और होती बदनामी है।
आओ बुराई को त्याग अच्छाई की राह चलें,
अपने सद्कर्मों के द्वारा जग का नित उत्थान करें।