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13 Oct 2022 · 1 min read

बुराई

हर युग में बुराई का जड़ से ही विनाश हुआ है,

बुरे कर्म का बुरा तत्क्षण ही परिणाम मिला है।

रावण, कंस, दुर्योधन का भी अहंकार चूर हुआ,

इनके अत्याचारों का भय इस धरा से दूर हुआ।

बुराई से न लाभ तनिक है होती केवल हानि है,

यश सारा मिट जाता जग में और होती बदनामी है।

आओ बुराई को त्याग अच्छाई की राह चलें,

अपने सद्कर्मों के द्वारा जग का नित उत्थान करें।

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