बुनियाद
जिंदगी के हरण सफे, मैं बुनियाद छुपी होती है
हर एक ऊंचाई में तेरी, बुनियाद दबी होती है
खड़े हो जिन मुकामों पर, परवरिश की ईट होती है
मां बाप की मेहनत कड़ी, त्याग की भेंट होती है
तुम्हारी हर एक शोहरत मैं, दबी बुनियाद होती है
गिरता है किसी का पसीना, जब फसल तैयार होती है
लक्ष्य पाने में सदा, इरादों की खाद होती है
हर ऊंचाई के नीचे, दबी बुनियाद होती है
खड़े हैं अविचल सदा, आंधी और तूफान में
उनकी जड़ों में पड़ी, पक्की बुनियाद होती
है जो अपनी बुनियाद से, हमेशा प्यार करते हैं
खड़े रहते हैं सीना तान के, इतिहास रचते हैं
जड़ों को भूलने वाले, हर वक्त गिरते हैं
ना भूलना कभी तुम, ऊंचाई पर जाकर
तुम्हारी बुनियाद के नीचे भी, एक बुनियाद होती है