बुद्धत्व से बुद्ध है ।
बुद्ध ही बुद्ध है जगत मे,
जो है बुद्ध के तत्व में,
पाया है निर्वाण,
बुद्धत्व है वो सार,
धम्म है वो ज्ञान,
संघ का निर्माण,
धम्म चक्र है गति मान,
जन जन में फैला है,
बुद्ध शांति का मार्ग,
तृष्णा मुक्ति वो धाम,
बुद्धत्व से बुद्ध है।
बुद्ध ही बुद्ध है,
त्याग अहिंसा करुणा,
पथ से ही है कल्याण,
दुःख ही दुःख है,
दुःख का है संसार,
कार्य कारण निवारण,
अष्टमार्ग का अनुसरण कर,
जीवन जीने का सत्य मार्ग,
बुद्धं सरनं गच्छामि,
धम्मं सरनं गच्छामि,
संघं सरनं गच्छामि।
रचनाकार-
✍🏼✍🏼
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।