Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2017 · 1 min read

बुढ़ापे में प्यार

????
कौन कहता है कि
बुढ़ापा में प्यार नहीं होता है ।
सच तो ये है कि
किसी को ऐतबार नहीं होता है।

बुढ़ापे का प्यार
बड़ा ही खतरनाक होता है।
जवानी में तो सिर्फ
नाहक बदनाम होता है।

ज्यों-ज्यों उम्र बढती है
प्यार तो परवान चढ़ता है।
आँखों में लाखों सपनें
दिल में अरमान जगता है।

एक-दूसरे की चिंता में
सदा ही मन बेचैन रहता है।
एक-दूसरे को देखे बिना
कहाँ दिल को चैन मिलता है।

पूर्णमासी के चाँद से भी सुन्दर
एक-दूसरे का चेहरा लगता है।
दन्तहीन होठों पर मुस्कान का
जब एक फूल सा उभरता है।

शक्तिहीन तन, पैरों में न दम,
छड़ी का सहारा होता है।
फिर भी एक गिर जाये तो,
दूसरा काँपते हाथों से थाम लेता है।

दिखे ना आँख से,सुने ना कान से
परेशानियों का चाहे गुबार होता है।
फिर भी सब भूलकर
रमता जोगी प्यार का गाना गाता है।

कोई समझे ना समझे
इन लोगों की तकलीफे परेशानियाँ।
पर ये लोग एक-दूसरे की
दिल की मजबूरी बखूबी समझता है।

जिन्दगी के हर तजुर्बे को
एक-दूसरे को दिल से सुनाता है।
जवानी में जो गलती की थी
उसे अब ही तो सुधार करता है।

बुढ़ापे जितना प्यार
जवानी में कहाँ होता है।
सच पूछो बुढ़ापे में
जीवन नादान सा होता है।

जवानी तो अल्हड़ है
बुढ़ापा बड़ा ही शांत होता है।
तजुर्बे के दम पर
एक दूजे का चेहरा भांप लेता है।
???? —लक्ष्मी सिंह?☺

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 4369 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

चमन मुस्कराए
चमन मुस्कराए
Sudhir srivastava
■ अड़ियल टेसू सत्ता के
■ अड़ियल टेसू सत्ता के
*प्रणय*
आ जाओ गणराज
आ जाओ गणराज
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
2656.*पूर्णिका*
2656.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
दोहा
दोहा
Jp yathesht
ज़िन्दगानी में
ज़िन्दगानी में
Dr fauzia Naseem shad
तुम बिन
तुम बिन
Vandna Thakur
राखी का बंधन
राखी का बंधन
अरशद रसूल बदायूंनी
मन
मन
अवध किशोर 'अवधू'
"जिन्दादिल"
Dr. Kishan tandon kranti
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
2.नियत या  नियती
2.नियत या  नियती
Lalni Bhardwaj
तुम बिन
तुम बिन
Dinesh Kumar Gangwar
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
- Your family doesn't know how much difficulties and pressur
- Your family doesn't know how much difficulties and pressur
पूर्वार्थ
सूर्य देव
सूर्य देव
Shutisha Rajput
समय का प्रवाह
समय का प्रवाह
Rambali Mishra
चुकंदर
चुकंदर
Anil Kumar Mishra
प्राण प्रतीस्था..........
प्राण प्रतीस्था..........
Rituraj shivem verma
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आशियाना
आशियाना
Uttirna Dhar
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
तन्हा....
तन्हा....
sushil sarna
काश
काश
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"सत्य की खोज"
Rahul Singh
नई बातें
नई बातें
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
সকল পুরুষ ধর্ষক হয় না
সকল পুরুষ ধর্ষক হয় না
Arghyadeep Chakraborty
मोक्ष
मोक्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...