बुझे हुए चिराग
मेरी आँखें हैं वोह बुझे हुए चिराग,
जिसने ना कभी रोशन होना है।
मेरे ख्वाब है अब बिता हुआ कल ,
जिसने ना कभी लौट के आना है।
मेरा दिल है टुटा सा बिखरा हुआ सा,
जिसमें ना किसीका आशियाँ बनना है।
मेरी जिंदगी है एक बेरंग तस्वीर ,
जिसने ना कभी रंगीन होना है।
मेरे क़दमों ले चलो मुझे अब वहीँ,
जहाँ इस जीस्त ने तमाम होना है।