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1 Dec 2020 · 1 min read

बुजुर्गों का अपमान

*** बुजुर्गों का अपमान***
*********************

कहीं खो गया मान सम्मान
बुजुर्गों को हो रहा अपमान

जिन्होंने लगाई कीर्त कमाई
राहें सारी हो गई हैं सुनसान

जोड़ जोड़़ माया भरे खजाने
प्रौढ़ हुआ तो खाली मर्तबान

जिन्हे पाला्पोसा बने सयाने
पालक बन गया अब नादान

घर की चाबी बहुओं के हाथ
निज घर में बन गया मेहमान

सुपुर्द कर दिए सब कामधंधे
नहीं रहा घर आंगन दुकान

चारदिवारी में बन्द चौकीदार
हुआ सर्वस्व उन्ही पर कुर्बान

उम्रभर की जिनकी उपासना
उन्हीं नजरों में खोई पहचान

निजद्वार पर हाल ए भिखारी
मनसीरत बहक गया इन्सान
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Comment · 240 Views
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