बुका पढ़
हो जइबा बबुआ तूँ अनपढ़
पहिले से बाटा तूँ मनबढ़
अरे विद्यालय के सीढ़ी चढ़
विजयी भईया कहले रहलें
सब छोड़ छाड़ के बुका पढ़
माहटर साहब का तुहे पढ़इहैँ
तूँ पक्का बाटा का तुहे सिखइहैँ
बस करत रहेला बड़- बड़ -बड़
विजयी भईया कहले रहलें
सब छोड़ छाड़ के बुका पढ़
कब्बो सुनली न तोहार बड़ाई
करत बाटा बस ठेलुआ पढ़ाई
बस्ता फेक के घूमत बाटा बस
देबा आपन गलती माहटर पर मढ़
विजयी भईया कहले रहलें
सब छोड़ छाड़ के बुका पढ़
-सिद्धार्थ गोरखपुरी