बुंदेली दोहे
*बुंदेली दोहे – * बिषय-रिसाने*
1
रहें रिसाने मौं बना , रखतइ दिल में रार |
#राना तब विनती करे , ये औगुन बेकार ||
2
रहें रिसाने रात दिन , अपनो मौं लटकाँय |
#राना रूखै वें रहे , कछु ना नेंगर पाँय ||
3
आप रिसाने क्यों इतै , लिख पढ़ करना नेह |
#राना अपनो जानियो , यह बुंदेली गेह ||
***
राजीव नामदेव ” राना लिधौरी “
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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