बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
चकिया यह संसार है , #राना समझो बात |
जीवन भी नानो घुरत , पाट बनै दिन रात ||
समझों नानो है जगत , घूमत रत सब गोल |
तितर -बितर #राना सबइ , लुकबेें खोजत पोल ||
नानो नोनी सब सुनो , का चल रव बतकाव |
फिर तुम सोच विचार कैं , #राना रखियौ भाव ||
#राना नानो नोन हौ , करत गुचू सौ काम |
यैसइ हौतइ संत है , करैं ऊजरौ नाम ||
नानी नातिन से कहै , सुन लौ मौरे भाव |
नानो नोनों जो मिलै , #राना हृदय बसाव ||
*** दिनांक-5-6-2023
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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