बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
*बुंदेली दोहा बिषय – ‘#पलका'”
#राना पलका रत बिछौ,खाट देत सरकाय।
सबल और निर्बल इतै,अंतर कुछ दिखलाय।।
पलका मिलत ब्याव में,जब नक्काशी दार।
चार जनै #राना उयै,आ देखें हर बार।।
पलका सोफासेट अब,बात हुई है आम।
सबइ घरै #राना मिलत,जिनके ऊँचे दाम।।
नीम सगौना आम कै,पलका रत मजबूत।
गुंज छेवला के सड़ै,#राना जानत कूत।।
पलका महलन के सुनै,जड़ै स्वर्ण से रात।
जिन पर सोती रानियाँ,अपने भाग्य मनात।।
एक हास्य दोहा –
धना कात #राना सुनो,पलका नव अब लावँ।
वर्ना टूटी खाट है ,जीखौं दुगइ बिछावँ।।
🤑🤔*** दिनांक-11-5-2024
✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” ,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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