बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
बुंदेली दोहा विषय -पखा
बैरागी #राना तकै , पखा रखा लै खूब।
भजन करत भगवान कौ ,गान तान में डूब।।
बूड़ै बुजरक भी कभउँ,पखा रखा कै रात।
मूँछें डूबें चाय में ,#राना उनै पुसात।।
दाउ साब भी गाँव में ,पखा रखा के रात।
नबदा पैलत भी मिलें,#राना हमें दिखात।।
पखा रखाबौ है सरल ,पर सेवा भी भौत।
साफ करौ ऊछौं उनै ,#राना आफत हौत।।
जीनै रक्खे है पखा , बैइ जानतइ हाल।
#राना फेरत हात है ,कितने लामै बाल।।
एक हास्य दोहा –
धना कात #राना सुनो , समदी अच्छे आय।
तेल पखा में पोत लवँ, सिसिया दइ मिटाय।।🤑🤔
~~~~ दिनांक-6-5-2024
✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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