बुंदेली दोहा – किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
बुंदेली दोहे – किरा (कीड़ा लगा हुआ)
1
#राना कौनउँ चीज में ,पंखी जब मड़रात।
देखत में लगबै किरा,खाबौ नँईं पुसात।।
2
फल अंदर से हो किरा,#राना रत पर बंद।
लोग इतइँ ठग जात है,सड़ौ चाट गुलकंद।।
3
नेता भी #राना किरा,टाँड़ी से उतराँय।
देश कौल रय बैठ कै,शहर नगर अरु गाँव।।
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✍️ राजीव नामदेव”राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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