— बीमार पड़कर तो देखो —
एक बार बीमार पड़ कर तो देखो
न जाने कहाँ कहाँ से सलाह मिल जायेगी
डाक्टर की क्या क्या जरुरत है
बिन मांगे अनेको सलाह मिल जायेंगी
इनको यह दे दो, इनको वो दे दो
खाने में , पीने में यह दे दो
शायद इतना सब सुनकर ही
तबियत ठीक हो ही जायेगी
पागल सा बन जाता है आदमी
जब नित नए प्रयोग होने लगेंगे
बिमारी तो जायेगी अपने वक्त पर
पर जिस्म प्रयोगशाला बन जायेगी
चलना फिरना भारी हो जाता है
जरा सा घुमने जाओ बाहर घर से
लोगों के तीक्षण बाण से रही सही
कसर भी दोस्तों पूरी हो जायेगी
अजीत कुमार तलवार
मेरठ