Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2021 · 1 min read

बीमारी ये बीमारी

बीमारी ये बीमारी, बीमारी ये बीमारी।
कैसे-कैसे दिन दिखाती ये बीमारियां।।
लोगों के जीवन को खा जाती ये बीमारी।
चारों ओर अपने डर को फैलती ये बीमारी।।
लोगों को मुंह के बल गिरती ये बीमारी।
लोगों की मुस्कुराहट छीन लेती ये बीमारी।।
किसी को शराब की हैं ये बीमारी तो।
किसी को जुए और घुस लेने की हैं ये बीमारी।।
कभी न खत्म होने वाली प्रदूषण की हैं ये बीमारी।
मन के साहस को तोड़ देती हैं ये बीमारी।।
किसी को हैं छोटी सोच की ये बीमारी।
किसी को हैं गन्दी नजरो की ये बीमारी।।
किसी को हैं जहां में गरीबी की ये बीमारियां।
लोगों को जीवन लक्ष्य से भटकाती ये बीमारी।
समाज में हीनता का भाव बढ़ाती हैं ये बीमारी।।

Language: Hindi
1 Comment · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*सीता-स्वयंवर : कुछ दोहे*
*सीता-स्वयंवर : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भीख
भीख
Mukesh Kumar Sonkar
2537.पूर्णिका
2537.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गुलामी के कारण
गुलामी के कारण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
"कबड्डी"
Dr. Kishan tandon kranti
???
???
*प्रणय प्रभात*
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
SHAMA PARVEEN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
surenderpal vaidya
भारत के बीर सपूत
भारत के बीर सपूत
Dinesh Kumar Gangwar
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
🌳 *पेड़* 🌳
🌳 *पेड़* 🌳
Dhirendra Singh
मिट न सके, अल्फ़ाज़,
मिट न सके, अल्फ़ाज़,
Mahender Singh
अच्छे   बल्लेबाज  हैं,  गेंदबाज   दमदार।
अच्छे बल्लेबाज हैं, गेंदबाज दमदार।
गुमनाम 'बाबा'
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
Sonam Puneet Dubey
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
Shweta Soni
सत्य होता सामने
सत्य होता सामने
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आ रे बादल काले बादल
आ रे बादल काले बादल
goutam shaw
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
जीवन का हर पल बेहतर होता है।
जीवन का हर पल बेहतर होता है।
Yogendra Chaturwedi
फितरत
फितरत
Dr.Priya Soni Khare
*बादल*
*बादल*
Santosh kumar Miri
शिवा कहे,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
SPK Sachin Lodhi
शीर्षक : बरसात के दिनों में (हिन्दी)
शीर्षक : बरसात के दिनों में (हिन्दी)
Neeraj Agarwal
बुद्ध मैत्री है, ज्ञान के खोजी है।
बुद्ध मैत्री है, ज्ञान के खोजी है।
Buddha Prakash
Loading...