बीत रही है जिदंगी आहिस्ता आहिस्ता
बीत रही है जिदंगी आहिस्ता आहिस्ता.
बदल रहे है लोग आहिस्ता आहिस्ता.
छुट रही है शाहिल आहिस्ता आहिस्ता.
ख्वाब बुन रही है ऑंखें आहिस्ता आहिस्ता.
उम्मीद लाग रहे हैं जीदगीं से आहिस्ता आहिस्ता.
परिवर्तन हो रहै है जीवन में आहिस्ता आहिस्ता.
कुछ टुट रहा है अंदर आहिस्ता आहिस्ता.
नए अनूभव सिखा रही है जीदगीं आहिस्ता आहिस्ता.
कुछ पुरानी कहानी याद आ रही हैं आहिस्ता आहिस्ता.
बीत रही है जिदंगी आहिस्ता आहिस्ता