बीते हुए दिनो को भुला न देना
बीते हुए दिनो को भुला न देना
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बीते हुए दिनो को भुला न देना,
आज हसे है, कल रुला न देना।।
मिला है मुश्किल से स्नेह तुम्हारा,
इसको तुम मिट्टी में मिला न देना।
किया है प्यार घर्णा का मंथन मैंने,
अमृत पिला कर विष पिला न देना
सातो जन्म तक साथ दूंगी मै तेरा,
मनुष्य जीवन को यूं बिता न देना
बीते है पल जो साथ मेरे तुम्हारे,
उन पलों को कभी भुला न देना।
रस्तोगी की इल्तिज़ा है अब तुमसे
मेरे ख्वाबों को कभी सुला न देना।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम