बीते कैसे तेरे बिन साथी मेरे दिन!!
बीते कैसे तेरे बिन साथी मेरे दिन।
पल पल गुजारूं मै तारे गिन गिन।।
चला गया परदेस तू छोड़ के मुझे।
आई नहीं क्यों यारा याद मेरी तो तुझे।
वादा तो किया था हम दोनों ने मिलके।
मरेंगे जिएंगे इक दूजे के लिए।
भूल गया क्यों साजन तू कारण के बिन।
बीते कैसे तेरे बिन साथी मेरे दिन।।
अटकी है सांसे तू तो लोट के आजा।
लोट आया तो हो जाऊंगी में ताजा।
खबर नहीं ली तूने गर अब जो राजा।
चौखट पे बजेगा मेरी मातम का बाजा।
तड़फै मीन जैसे नीर के बिन।
बीते कैसे तेरे बिन साथी मेरे दिन।।
राजेश व्यास अनुनय