Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2021 · 2 min read

बिहारी मोहनदास गाँधी

मोहनदास गाँधी 100 और कुछ साल पहले बिहार आकर ही पूरे देश के लिए महात्मा गाँधी और सम्पूर्ण संसार के लिए विश्ववंद्य बन पाए थे । गाँधी जी की यह यात्रा उनके द्वारा भारत को ब्रिटिश सत्ता से मुक्ति दिलाने को लेकर प्रथम यात्रा थी । बिहार से शुरू हुई यह यात्रा बीते दिवस पटना में संपूर्ण देश से आये 818 स्वतन्त्रता सेनानियों के मिलन-मेला से ऐसा लगा, बिहार ही पुनः देश को नई दिशा और पहचान दे सकता है ।

तत्कालीन माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने जब इन सबों को भागलपुरी शॉल और गाँधी जी की प्रतीकार्थ मूर्त्ति प्रदान किया, तो माहौल भावुक हो गया । इनमें 554 सेनानी बिहार से और 264 सेनानी अन्य राज्यों से हैं । सबसे आकर्षण का केंद्र 110 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी रहे, जो उम्र को धता बताते हुए युवाओं जैसे ज़ज़्बे को लिए मात्र 10 साल के किशोर बन स्वयं को बेमिसाल उदाहरण बना डाले। उम्र की अस्वस्थता कारणों से 2,154 महान सेनानियों को बिहार सरकार के पदाधिकारी उनके घर जाकर ही सम्मानित किए ।

उस साल स्व. प्रणब दा का राष्ट्रपति के रूप में यह बिहार के लिए लगातार 5वें दौरे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, 1917 की याद को ताजा करने के उद्देश्य से लंगट सिंह कॉलेज, मुजफ़्फ़रपुर के एक व्याख्याता ने गाँधी जी के रूप धरकर पटना से भाया मुजफ्फरपुर होते हुए मोतिहारी पहुँचे, जहाँ गांधी जी के वर्तमान रूप को भी काफी सम्मान मिल रहा है।

समाजवादी से गाँधीवादी बन संसार को सन्देश देने में सफल रहे बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और उनकी टीम तथा बिहार सरकार के सभी पदाधिकारी, कर्मीगण और सभी स्वयंसेवियों को अपने बिहार को एकबार फिर विश्व पटल पर लाने के लिए सादर धन्यवाद एवं सभी स्वतन्त्रता सेनानियों को उन्हें स्वस्थ रहने के लिए अनंत शुभकामनाएं ।

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
Kanchan Alok Malu
जय अम्बे
जय अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
Ram Krishan Rastogi
शेष
शेष
Dr.Priya Soni Khare
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
Manoj Mahato
दर्द ! अपमान !अस्वीकृति !
दर्द ! अपमान !अस्वीकृति !
Jay Dewangan
अपनों की ठांव .....
अपनों की ठांव .....
Awadhesh Kumar Singh
सफर 👣जिंदगी का
सफर 👣जिंदगी का
डॉ० रोहित कौशिक
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
हे मेरे प्रिय मित्र
हे मेरे प्रिय मित्र
कृष्णकांत गुर्जर
प्रश्न
प्रश्न
Dr MusafiR BaithA
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
२९०८/२०२३
२९०८/२०२३
कार्तिक नितिन शर्मा
मंजिलें
मंजिलें
Mukesh Kumar Sonkar
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चंद अशआर - हिज्र
चंद अशआर - हिज्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
आंखों को मल गए
आंखों को मल गए
Dr fauzia Naseem shad
■ सीधी बात, नो बकवास...
■ सीधी बात, नो बकवास...
*Author प्रणय प्रभात*
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बरखा रानी तू कयामत है ...
बरखा रानी तू कयामत है ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
दीप आशा के जलें
दीप आशा के जलें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
क्रिसमस से नये साल तक धूम
क्रिसमस से नये साल तक धूम
Neeraj Agarwal
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
Neelam Sharma
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
कटघरे में कौन?
कटघरे में कौन?
Dr. Kishan tandon kranti
2. काश कभी ऐसा हो पाता
2. काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
एक आज़ाद परिंदा
एक आज़ाद परिंदा
Shekhar Chandra Mitra
Loading...