बिन मौसम.., बरसे हम।
बिन मौसम।
बरसे हम।
झोली में,
ढेरों गम।
मेरी सुन,
ओ हमदम।
मत कर तू,
आंखें नम।
ज़ख्मों पर,
कर मरहम।
डूबे तब,
पानी कम।
तेरी तो,
एटम बम।
मेरी है,
चाय गरम।
कब होंगे,
नख़रे कम।
फूलों पर,
है शबनम।
नैन लड़े,
बिखरे हम।
हूर मिली..?
या बस भ्रम।
काम हुआ,
ला चमचम।
ऊपर से,
गिरते धम।
आइसक्रीम,
यम यम यम।
किसमें है,
कितना दम.?
जय भोले,
बम बम बम।
पंकज शर्मा “परिंदा”.